21 वी सदी की शुरूआत है धर्मों के वर्चस्व का महायुद्ध अब भारत तक पहुंच चुका है ईसाई और मुस्लिम प्रतिदंद्वी की भांति एक दूसरे से लड़ा करती थी वह अब दुनिया की सबसे पुरानी संस्कृति और धर्म को नास्ट पूरी के लिए प्रतिबद्ध है | ओपस देइ, आईएसआई, अतंकवादी संगठन और मीडिया द्वारा समर्थित एन धर्म के ठेकेदारों ने मोनिका रेड्डी नमक राजनेत्री एवं कुछ अवसरवादियों को अपने घिनोने उद्देश्य को पूरा करने के लिए खड़ा कर दिया है राजनीति आतंकवाद धन धर्म इन सबकी सहायता से मोनिका एक के बाद एक धार्मिक स्तम्भो को गिराती जा रही थी अंत में उसकी और विजय के बीच में अंतिम गढ़ बच था वह था महंत का आध्यात्मिक साम्राज्य, लेकिन महंत कोई साधारण व्यक्ति नहीं है वह एक ब्रह्मज्ञानी संत जिनके करोड़ो अनुयायी है | निस्वार्थ सेवायुक्त भाव से अपना जीवन जी रहे है | उन्हें अपने लिए कुछ चाहिए | क्या मोनिका रेड्डी और उसकी चंडाल चौकडी भारत की आत्मा को ध्वस्त कर पायेगी ? क्या महंत इस विषैली श्रृंखला को रोक पाएंगे ? भारत की आत्मा को बचाने के लिए कितने लोगो की बाली चढ़ेगी ? क्या धन और सत्ता देश के कानून से छेड़ छाड़ कर पायेगी ? कब और क्या होगा, यह वक्त बताएगा या फिर महंत।