जीवन में मार्ग दर्शन अवाश्यक हैं | वह माता पिता, गुरुजनो तथा महापुरषों के जीवन प्रशंग पढने से मिल सकता है | महापुरुषों का जीवन हमें मार्ग दिखता है | वे हमरे जीवन के लिए 'लाइफ हाउस' का काम करते हैं | उनके जीवन प्रशंग पढ़ने से हमारे अंदर सद्गुणो का प्रसार होता है | सद्गुणों से रहित व्यक्तियो पशु तुल्य हैं | इस पुस्तक में महात्मा सुकात, स्वामी विवेकानंद, स्वामी दयान, ईश्वर चंद विद्यासागर,महात्मा गांधी, ज्योतिबा फुले, डॉ.अम्बेडकर,प्रभृति के जीवन प्रशंग दिए गए हैं | जिन्हे पढकर यदी हम उनका जीवन में अनुसरण करे तो हमारा जीवन दिव्य बन सकता है | महापुरषों अवतारी पुरुष होते हैं | वे साधारण मनुश्यों से ऊपर होते हैं | और साधरण पुरुष के लिए तथा आम लोगो के लिए प्रकाश सतंभ का काम करता है हर जीव जंतु में कोई ना कोई विशेष गुन होता है |तो किसी में अधिक गुण है | यह मनुश्य पर निर्भार करता है | की वह किस और कितने गन अपने अंदरसमविष्ट करता है | सारा संसार शिक्षक है | और वही सीखनेवाला भी है.