वैशाली की नगरवधू

Author: आचार्य चतुरसेन

  • ₹ 425.00

Language : Hindi

Binding : Paperback

ISBN 10 : 9390594081

ISBN 13 : 9789390594085

Category : Novel

Publisher : ECP


DETAILS

वैशाली की नगरवधू एक क्लासिक उपन्यास है जिसकी गणना हिन्दी के सर्वश्रेष्ठ उपन्यासों में की जाती है। इस उपन्यास के संबंध में आचार्य चतुरसेन जी ने कहा था:- ‘‘मैं अब तक की अपनी सारी रचनाओं को रद्द करता हूँ और वैशाली की नगरवधू को अपनी एकमात्र रचना घोषित करता हूँ।’’ इसमें भारतीय जीवन का एक जीता-जागता चित्र अंकित है। उपन्यास का मुख्य चरित्र स्वाभिमान और दर्प की साक्षात मूर्ति, लोक-सुन्दरी अम्बपाली, जिसे बलात् वेश्या घोषित कर दिया गया था, और जो आधी शताब्दी तक अपने युग के समस्त भारत के सम्पूर्ण राजनीतिक और सामाजिक जीवन का केंद्र-बिंदु बनी रही.
आचार्य चतुरसेन शास्त्री का जन्म उत्तर प्रदेश के बुलन्दशहर जिले के चांदोख में हुआ था। ये हिन्दी भाषा के एक महान उपन्यासकार थे। आचार्य चतुरसेन के उपन्यास रोचक और दिल को छूने वाले होते हैं। इनका अधिकतर लेखन ऐतिहासिक घटनाओं पर ही आधारित है। आभा इनकी पहली रचना थी। इनकी प्रमुख कृतियाँ सोमनाथ, वयं रक्षामः और वैशाली की नगरवधू इत्यादि हैं.

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