मेरा जीवन संघर्ष

Author: नीरा आर्य

  • ₹ 225.00

Language : Hindi

Binding : Paperback

ISBN 10 : 9390594839

ISBN 13 : 9789390594832

Category : Inspirational

Publisher : ECP


DETAILS

05 मार्च, 1902 को खेकड़ा मे जन्मी महान स्वतंत्रता सेनानी नीरा आर्य, आजाद हिंद फौज मे रानी झांसी रेजिमेंट की सिपाही थी ,जिन्होने नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जान बचाने के लिए अपने ही पति की हत्या कर डाली थी | साहसपूर्ण कदम को उठने के लिए नेताजी ने इन नागिन नाम दिया था | नीरा नागिन के जीवन पर कई लोक गायक ने भजन और कवियों ने महाकाव्य तक लिखे हैं,लेकिन यह किताब सव्यं नीरा आर्या दावरा लिखी गई उनकी अपनी आत्मकथा है| इसे सर्वप्रथम 1966 में दीनानाथ मल्होत्रा ​​ने सरस्वती विहार के प्रकाशन से छपा था | आपातकाल में यह पुस्तक प्रतिबंध हो गई और प्रकाशक ने लेखिका को इसके अधिकार वापस कर दिए | 1966 में आत्मकथा को हैदराबाद के एक समाचार पत्र में धाराविक प्रकाशित किया गया और अब इसे स्वतंत्रता के अमृतमहोत्सव के अवसर पर पुन:पुस्तक के रूप में प्रकाशित किया जा रहा है,क्योकी यह आत्मकथा स्वतंत्रता आंदोलन का एक जीवन्त अध्याय है
नीरा आर्य का जन्म 5 मार्च 1902 को तत्कालीन संयुक्त प्रांत के खेकड़ा नगर में हुआ था। वर्तमान में खेकड़ा भारत के उत्तरप्रदेश राज्य में बागपत जिले का एक शहर हैं इनके धर्मपिता सेठ छज्जूमल अपने समय के एक प्रतिष्ठित व्यापारी थे, जिनका व्यापार देशभर में फैला हुआ था। खासकर कलकत्ता में इनके पिताजी के व्यापार का मुख्य केंद्र था, इनके धर्म पिता छज्जूमल ने इनकी प्रारम्भिक शिक्षा का प्रबंध कलकत्ता के निकट भगवानपुर ग्राम में किया था। नीरा के प्रारम्भिक शिक्षक का नाम बनी घोष था, जिन्होंने उन्हें संस्कृत का ज्ञान दिया। बाद की शिक्षा कलकत्ता शहर में हुई। नीरा आर्य हिन्दी, अंग्रेजी, बंगाली के साथ-साथ कई अन्य भाषाओं में भी प्रवीण थीं। इनकी शादी ब्रिटिश भारत में सीआईडी इंस्पेक्टर श्रीकांत जयरंजन दास के संग हुई थी। श्रीकांत जयरंजन दास अंग्रेज भक्त अधिकारी था। श्रीकांत जयरंजन दास को नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जासूसी करने और उसे मौत के घाट उतारने की जिम्मेदारी दी गई थी।

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